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Showing posts from September, 2025

प्रयागराज में अखण्ड श्री रामचरितमानस पाठ मंडली की तलाश खत्म संपर्क करें रामायण पार्टी प्रयागराज से +917007204884 पर

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Hello Prayagraj क्या आप सही  अखंड पाठ मंडली  की तलाश में हैं ? सही पंडित को तुरंत ढूँढ़ना काफी मुश्किल है। आमतौर पर, बिना किसी रुकावट के, अखंड रामायण पाठ निरंतर चलता रहता है और यह  श्री राम चरित मानस  से संबंधित है । पूरे पाठ में सात कांड भी हैं:  बालकांड  ,  अयोध्याकांड  ,  अरण्यकांड  ,  किष्किंधाकांड  ,  सुंदरकांड  ,  लंकाकांड  और  उत्तराखंडकांड  । हालाँकि, प्रत्येक कांड भगवान श्री राम के विभिन्न चरणों और लीलाओं का वर्णन करता है। इस अखंड पाठ मंडली को प्रस्तुत करने से अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं। हमारे मुख्य पंडित इस अखंड पाठ मंडली का संचालन करते हैं। यह अनुष्ठान गौरी गणेश कलश पूजा से शुरू होता है। पंडितों की टीम ढोलक, मंजीरा और अन्य वाद्य यंत्र बजाकर पाठ पढ़ती है। पंडितजी कीर्तन और भजन के लिए कई वाद्य यंत्रों का प्रयोग करते हैं। यह सब भगवान श्री राम की आराधना के लिए है। समारोह को आवश्यक रूप से शुरू करने के लिए, पंडितों का एक समूह बिना रुके पूरे दिन पाठ का अनुष्...

अखंड रामायण व संगीतमयी सुन्दरकाण्ड

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सम्पूर्ण भारतवर्ष में भव्य अखण्ड श्री रामचरित मानस पाठ व संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ आयोजन हेतु संपर्क करें। रामायण पार्टी प्रयागराज  +917007204884 +919919112200 +919389544555

रामायण पार्टी प्रयागराज पंडित सुशील द्विवेदी के बारे में

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📖 पुस्तक: सुशील कुमार द्विवेदी और रामायण पार्टी प्रयागराज प्रस्तावना यह पुस्तक भक्तिपथ के साधक, समाजसेवी और रामायण गायन के प्रचारक श्री सुशील कुमार द्विवेदी के जीवन, उनकी साधना और उनके द्वारा स्थापित रामायण पार्टी प्रयागराज की अमूल्य सेवाओं पर आधारित है। अध्याय 1: जन्म और प्रारंभिक जीवन नाम: सुशील कुमार द्विवेदी जन्मस्थान: प्रयागराज (इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश। जन्मतिथि 20 जुलाई 1982 परिवारिक पृष्ठभूमि: धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ा हुआ परिवार, जिसमें भक्ति और अध्यात्म का वातावरण था। बचपन से ही उन्हें भक्ति-संगीत, भजन और रामचरितमानस पाठ में गहरी रुचि रही। अध्याय 2: रामायण पार्टी प्रयागराज की स्थापना रामायण पार्टी प्रयागराज की स्थापना का उद्देश्य था – रामचरितमानस, सुंदरकांड पाठ और अखण्ड पाठ के माध्यम से समाज में भक्ति और संस्कृति का प्रसार करना। संगठन ने प्रयागराज सहित अनेक नगरों और राज्यों में संगीतमय पाठ व आयोजन किए। धीरे-धीरे यह संस्था एक भक्ति-सांस्कृतिक आंदोलन का रूप लेती गई। अध्याय 3: प्रमुख कार्य और योगदान सुंदरकांड पाठ और अखण्ड राम...